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महेश वर्मा महेश वर्मा Author
Title: संसार में पुत्र की प्रथम गुरु मां होती है - महामंडलेश्वर सरस्वती..
Author: महेश वर्मा
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सशिमं चडोल में मातृ सम्मेलन सह जागरण सम्पन्न.... अठाना - संसार में देश के वीर सपूतों, नेतृत्वकर्ताओं को उचित मार्गदर्शन देकर माँ न...

सशिमं चडोल में मातृ सम्मेलन सह जागरण सम्पन्न....

अठाना - संसार में देश के वीर सपूतों, नेतृत्वकर्ताओं को उचित मार्गदर्शन देकर माँ ने ही नेतृत्व के लिये तैयार किया है। माँ अपने पुत्र की प्रथम गुरु होती है। विकट से विकट परिस्थितियों में माँ अपने बच्चों के लिये सबल बनकर तैयार खड़ी रहती है। दुनिया की सारी विपदाओं और दुःख को स्वयं झेलकर अपने पुत्र को सारे दुखों से बचाती है। इस सृष्टि में सबसे अनमोल धरोहर मां होती है। उसी प्रकार प्रथम गुरु के लालन पालन के बाद सरस्वती शिशु मंदिर संस्कारों से युक्त शिक्षा देकर भैया, बहिनों को पोषित करता है। सरस्वती शिशु मंदिर ज्ञान, चरित्र और संस्कारों की शिक्षा देकर सर्वागीण विकास के लिये तैयार करता है। सरस्वती शिशु मंदिर का उद्देश्य सिर्फ अक्षर ज्ञान ना देकर भैया, बहिनों को शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक, सांस्कृतिक, साहित्यिक सभी प्रकार से तैयार करना है जिससे वे दुनिया की सभी परीक्षाओं में सफल हो सकें। उक्त विचार विद्या भारती द्वारा मार्गदर्शित नीमच जिला ग्राम विकास शिक्षण समिति द्वारा संचालित ज्ञान, चरित्र, संस्कार की त्रिवेणी सरस्वती शिशु मंदिर चडोल में श्री सत्यवादी तेजाजी महाराज मंदिर प्रांगण में आयोजित मातृ सम्मेलन सह जागरण में श्री श्री श्री 1008 धनवंतरी पीठाधीश्वर  महामंडलेश्वर सुरेशानंद सरस्वती धन्वन्तरी पीठ अम्बाधाम आश्रम निपानिया ने व्यक्त किए।
श्री सरस्वती ने सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारे चंहु और प्रकृति में असंख्य औषधीय और वनस्पतियां विद्यमान है। जनमानस को उसकी जानकारियां नही है पूर्व में हमारे पूर्वज और ऋषि मुनि आयुर्वेद अपनाते थे वनस्पतियों का उपयोग करते थे जिससे हमेशा स्वस्थ रहते है। हम अनेक प्रकार की बीमारियों से ग्रसित हो गए है क्योंकि हमने आयुर्वेद को छोड़कर अंग्रेजियत को अपना लिया है। आयुर्वेद के अनुसार प्रत्येक ऋतु और प्रत्येक माह के लिये किसी ना किसी वनस्पति के खाने का विशेष महत्त्व है जिसके ग्रहण करने से हमारा शरीर पूर्ण स्वस्थ रह सकता है। कार्यक्रम का विधिवत शुरुआत माँ सरस्वती, प्रणवा अक्षर ॐ, भारतमाता के चित्र पर माल्यार्पण, दीप प्रज्ज्वलन कर की गई। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता गुरुजी का स्वागत विद्यालय संयोजक मण्डल सदस्य मांगीलाल धाकड़, मांगूदास बैरागी ने किया। कार्यक्रम में सेकंडों की संख्या में माताएं, बहिनें उपस्थित थी माताओं, बहिनों ने जागरण में अनेक सुमधुर भजन गाएं और खूब आनन्द लिया। माताएं, बहिनें भजनों पर थिरकती रही। कार्यक्रम में सहायक दीदी श्रीमती सोनम बैरागी, संयोजक मण्डल सदस्य और भैया, बहिन उपस्थित थे। कार्यक्रम का प्रभावी संचालन प्रभारी प्रधानाचार्य दिलीप पाटीदार ने किया।

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