सरवानिया महाराज। मालवा के दो ठाकुर परिवारो के सर भक्ति ऐसी चढ़कर बोली की इन परिवारों से जुड़े ठिकाने रुपपुरा और आंकली कृष्ण मय बन गए ! गुरुवार को ठाकुर सालीगराम जी दुल्हा बन बारातियों की लंबी चोड़ी फौज फलटन लेकर निकले तो रास्ता छोटा पड़ गया ! जंहा जंहा से भी भगवान चारभुजानाथ दुल्हें सालीगराम जी बन कर गुजरे वो गलियां और मार्ग गुलाल और फुलों से पट गया ! ये एतिहासिक क्षण और नजारें को जिसनें भी देखा और साक्षी बना वो गदगद हो गया !
शाही और ठाकुर पंरपरा के अनुसार आज भगवान चारभुजानाथ व उनके बारातियों का ग्राम आंकली मे स्वागत कर बारात की अगवानी की ! दोनों गांवों की और से बड़ी संख्या में महिलाएं पुरुष युवक युवतियां इस तुलसी विवाह के साक्षी बने !
पडरा मे आभूषण और परिधान
ठिकाना रुपपुरा के चुण्डावत ठा. तेजसिंह , कु.किशनसिंह व चुण्डावत परिवार वर पक्ष के गुणानुवाद कर्ता के रूप में वधू तुलसी माता के लिए पडरा भी लाये ! पडरे की इस पंरपरा मे श्रगांरदानी , सोंदर्य प्रसाधन , गहने हार , रकड़ी , बाजूबंद , टिका , मिठाई , सहित अन्य वैस लायें ! ये नजारा भी देखने लायक बन गया था !
यजमान बने ठा. कैलाश सिंह पत्नि नंदकुंवर पंवार
कभी देत्यराज कालनेमि की पुत्री रही वृंदा का विवाह पराक्रमी देत्यराजा जालधंर से हुआ था ! वृंदा के अलावा अन्य देवियों को अपनाने की कामना के चलते वो युद्ध में मारा गया ! इधर जालंधर की मौत की खबर सुन सतीत्व को वृंदा प्राप्त हो गई उसके बाद जिस राख के ढेर में पोधा उग आया वो तुलसी माता कहलाई और उसके अपनाने वाले भगवान सालीगराम जी कहलाये ! गुरुवार को तुलसी विवाह के मंडप में कन्यादान के लाभार्थी आंकली के ठा. कैलाश सिंह पंवार पत्नि नंदकुंवर संग यजमान बनकर बेठे और कन्या दान किया !
विवाह मंडप और हथेला
माता तुलसी और सालीगराम जी के विवाह के सात फैरों की रस्म के बाद विवाह मंडप मे कन्यादान के पशचात हथेला दान किया गया। बड़ी संख्या में दोनों पक्षों से हथेला सिंचा गया ! इस आयोजन में शंकर सिंह पंवार , गजेंद्र सिंह पंवार , हिरेन्द्र सिंह पंवार और पंवार परिवार के सभी सदस्यों माताओं बहनों ने भाई बहन भुआ भतिजा बन हथेला सिंचा !
पिता बन विदाई दी
विवाह की इस दिव्य लीला के ख़ास प्रसंग बेटी को विदाई देने के समय पहले तीन पुत्रियों का घर बसा चुके ठाकुर कैलाश सिंह पंवार व पत्नि नंदकुंवर आज चोथी पुत्री तुलसी को विदा करते समय फुट फुट कर रो रहे थे ! काकासा , भाई , बहनें सभी की आंखें नम थी ! विदाई का यह क्षण मार्मिक और भावुकतापूर्ण था!
सात दिन भागवत , आठवें दिन विवाह
आंकली मे प. अशोक भारद्वाज जावद और रुपपुरा मे रितेश शर्मा ने दिनांक 4 जुलाई से 10 जुलाई तक श्रीमद भागवत पुराण का वाचन किया। गुरुवार 11 जूलाई को ठिकाना रुपपुरा से ठिकाना आंकली बारात आई और माता तुलसी का विवाह समपन्न हुआ !
ये बने साक्षी
इन दोनों ठिकानों मे आयोजित विवाह और भागवत के साक्षी बनने वालों में नरेन्द्र सोलीवाल , अजीत काठेड़ कांग्रेस जिला अध्यक्ष , नंदकिशोर पटेल पुर्व विधायक , कांग्रेस नेता राजकुमार अहीर , विधायक प्रतिनिधि सुरेश जाट , भरत जाट , सीमेंट व्यवसायी दिनेश अहीर , प्रकाशमल नपावलिया , तुलसीराम पटेल , आशाराम अहीर , मदनलाल जाट , अंबालाल जाट , ओमप्रकाश पाटीदार ,रतनलाल नागदा , बलवंत जाट , सांसद प्रतिनिधि शिवमराज पुरोहित , भाजपा नेता सुखलाल सेन , नरेंद्र सोनी , पन्ना लाल माली , कारूलाल चौहान , कारु पाल , गोविंद पाल , रामेश्वर बाहेती , जगदीश चंद्र मालू , रामेश्वर मालू , कंवरलाल पाल , बालकिशन धनगर , चंन्द्रनारायण पालीवाल , नपाउपाध्यक्ष घीसालाल मकवाना , निलेश रावल , राजमल नपावलिया , नारायण पाल , रामनिवास पाटीदार , हिरालाल धाकड़ , सत्येंद्र सिंह पतलासच , ओमप्रकाश राव , मुकेश राव , राजकुमार राव , प्रकाश मालवीय , प्रकाश योगी , पुरण अहीर , विमल जैन , राजकुमार टांक , हनुसिंह चुण्डावत, शिवराज सिंह खिंची , कमलसिंह सांखला , उदयसिंह चंन्द्रावत , दशरथ सिंह धारियाखेड़ी , दिग्विजय सिंह पिपलिया रावजी , नारायण सिंह बोरखेड़ी , नारायण सिंह बावल , ठा.मदनसिंह , शंकर सिंह , वक्तावरसिंह ,हरिसिंह , श्याम सिंह , नरेंद्र सिंह , पुष्पेंद्र सिंह , विष्णु सिंह , महेश सिंह , विक्रम सिंह सहित नीमच , मंदसौर , धारियाखेड़ी , थड़ोद , तलावद , जावद , भिलवाड़ा , चित्तौड़गढ़ , अंबामाता , जगेपुर हाड़ा , रतनपुरिया , बावल , मैलानखेड़ा ,सरवानिया महाराज , आमलीभाट , ढाबा , कलेपुर , मोरवन , लासूर , आमलीखेड़ा , धाराखेड़ी , जावदा लिमड़ी , चित्तौड़ीखेड़ी ,घटियावली , बिल्लियां कला ,डाबी , गोठियाना , रूपाहेली गुलाबपुरा , जोधपुर , उदयपुर , काचरिया देव , बोरखेड़ी कला ,सीतामऊ सहित अनेक स्थानों से लोग साक्षी बने !