जांच टीम ने भी माना सही थी शिकायत, अब होगी कार्यवाही
पडे विकास सूथार कि खबर
*फिल्टर प्लांट लगाकर यूआईडीएसएसएमटी योजनांतर्गत लगभग साढ़े 5 करोड़ की लागत से बनी जल आवर्धन योजना की लगातार की जा रही शिकायत पर मंगलवार को कलेक्टर कार्यालय द्वारा गठित जांच टीम ने जीरन पहुंच कर जांच शुरू की। लगभग डेढ़ साल पहले लोकार्पित हो चुकी इस योजना के तहत किया गया पाइपलाइन बिछाने का काम शुरू से विवादों में रहा है। इस मामले को लेकर लगातार शिकायते की जा रही थी। मगर योजना को क्रियान्वित करवाने वाले जिम्मेदार अधिकारी कही न कही अपनी पहुंच का दम दिखा कर शिकायत ओर जांच को शून्य कराने में सफल होते दिख रहे थे। लेकिन शिकायतकर्ता की लंबी जद्दोजहद के बाद आखिर जीरन नगर परिषद अध्यक्ष सीमा राजोरा के भ्रष्टाचार की पोल खुल ही गई।*
जीरन। कस्बे के नागरिकों को फिल्टर पानी पिलाने की मंशा से तैयार की गई इस योजना में ठेकेदार द्वारा की गई लापरवाही शुरू से ही चर्चा में रही है। लेकिन नगर परिषद के जनप्रतिनिधियों ने ठेकेदार के साथ मिलकर इस योजना का मजाक बनाकर रख दिया था।जहाँ योजना के तहत आज भी कई जगह पाईपलाइन बिछाई जाना शेष है उससे पहले ही आनन फानन में बड़ा कार्यक्रम आयोजित कर डेढ़ वर्ष पूर्व इस अधूरी योजना का लोकार्पण कर दिया गया। जबकि कई उपभोक्ता ऐसे भी ही जिन्हें अब तक नए नल कनेक्शन भी नही दिए गए है। मंगलवार को जब अनियमितता और पाइपलाइन के निर्धारित मापदण्डो के अनुसार नही डाले जाने की शिकायत पर जांच टीम जीरन पहुंची तो पाया कि नगर में जहां पाईप लाईन की गहराई 36 इंच पर डाले जाने का स्टीमेट था वहां इंजीनियर और ठेकेदार कि मिलीभगत से पूरे नगर मे कही 15 इंच तो कही 22 इंच से भी कम गहराई पर पाइपलाइन ड़ाली गई है। इसके अलावा पाईप लाईन भी कम डाली गई ओर अधिक भुगतान किया गया है। नियम के विरूद्ध कार्य करने को लेकर भ्रष्ठाचार एंव कमीशनखोरी के आरोप भी शिकायतकर्ता द्वारा लगाए गए।
शिकायतकर्ता द्वारा लगातार इस मामले पर जिला परियोजना अधिकारी एस कुमार को पाईप लाईन की जाँच करने की मांग की जाती रही जिसके बाद जिला परियोजना अधिकारी ने अंततः एक जांच ठीम गठित कर दी। मंगलवार को जीरन पहुची जांच टीम ने नगर के पांच स्थानो का चयन कर पाइपलाइन की खुदाई कर मौका पंचनामा तैयार किया।
नगर पाटीदार मोहल्ला (पटेल चौक),सुथारो कि घाटी, बस स्टैंड, गांधी नगर में तहसील के सामने और किलेश्वर महादेव मंदिर के पास जगह का चयन कर पाइपलाइन की गहराई मापने खुदाई शुरू करवाई। जांच टीम के साथ जीरन नगर परिषद के अधिकारी एंव कर्मचारी भी नियुक्त किए गए जिनकी मौजूदगी में यह पाया गया कि नगर में 3 मीटर की गहराई पर पाइपलाइन डाली जाना थी जो कही भी इस गहराई पर नही पाई गई।