*मुस्लिम समाज ने सौपा राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन*
*तीन तलाक विधेयक को वापस लेने की मांग, शरीयत की खिलाफवर्जी बर्दाश्त नही - शहर काज़ी जावद*
जावद ईदुल अजहा का त्यौहार शान्ति से मनाया गया परम्परा अनुसार ईद की नमाज़ का जुलूस नीमच दरवाजा से शुरू हो कर मुख्य मार्गों से होता हुआ ईदगाह पहुँचा ईदगाह मे ईद की नमाज़ शहर काज़ी सैयद मोहम्मद आक़िल साहब ने अदा की करवायी।ईदगाह मे बड़ी संख्या में लोगों ने जुटकर नमाज पढ़ी और एक-दूसरे को ईद मुबारक कहा। ईद की नमाज़ से पहले शहर क़ाज़ी साहब ने बताया कि ईद अमन भाईचारे के साथ मनाए व्हाट्सएप पर अनावश्यक फ़ोटो विडीओ डालने से बचे ईद की कुर्बानी के साथ अपना घमंड,अहँकार की भी कुर्बानी दे।कुर्बानी के इस पर पर्व पर बुराइयों से तौबा कर मिलजुलकर भाईचारे के साथ ईद मनाने की अपील की है। वहीं, साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने को कहा।।ईद उल अजहा का त्योहार मुसलमान हजरत इब्राहिम की सुन्नत अदा करने के लिए जानवरों की कुर्बानी देकर मनाते हैं।
इस मौके पर शहर काज़ी साहब ने नवागत एसडीएम दीपक चौहान, एसडीओपी एम.एल. मौरे, जावद तहसीलदार ब्रह्मस्वरुप श्रीवास्तव, जावद थाना प्रभारी कन्हैयालाल दांगी को मिठाई दे कर ईद की मुबारकबाद दी।
सैयद मोहम्मद आक़िल अख्तरुल शहर काज़ी जावद ज़िला नीमच ने मुस्लिम समाज की तरफ से राष्ट्रपति महोदय के नाम ज्ञापन अनुविभागीय अधिकारी महोदय सौपा,शहर काज़ी साहब ने बताया कि 30 जुलाई 2019 को केन्द्र सरकार ने मुस्लिम पर्सनल लॉ में अनावश्यक हस्तक्षेप करते हुए तीन तलाक का कानून पारित कर दिया है। तीन तलाक को विस्तार से समझे बगैर एक तरफा इस बिल को पास कर दिया। जिससे इस्लाम को मानने वालों को गहरी ठेस पहुंची है।यह कानून शरीयत व इस्लाम का विरोधी कानून है। जिसे हम मुसलमानों द्वारा किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।भारतीय संविधान में भारत के हर नागरिक को धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार दिया गया है। भारतीय संविधान हमें इन अधिकारों के सुरक्षा की गारंटी देता है।
यह कानून भारतीय संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। इसे मुस्लिम महिलाओं के हितों व अधिकारों को ध्यान मे रखकर व उनकी भलाई के लिए नहीं बनाया गया है। बल्कि मुस्लिम परिवारों को तोडऩे, विभाजित करने, जेल में डालने और मुस्लिम महिलाओं को बेसहारा छोडऩे व सडक़ पर लाने के लिए बनाया गया है, जिससे मुस्लिम महिलाओं में नाराजगी है, और हम सभी उस कानून की मुखालिफत करते है।हम सभी शरीयत को मानते हैं और मानते रहेंगे।
मुस्लिमो के लिए हमारा मजहब हमारी शरीयत सर्वोपरी है। जिसकी खिलाफवर्जी हम कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे। इस कानून का हम पुरजोर विरोध करते हैं और मांग करते है कि इसे सरकार वापस ले। ये भी मांग करते है कि सरकार हमारे पर्सनल लॉ शरीयत में दखल देना बंद करे।
ज्ञापन मे मुस्लिम समाजजन सहित नवागत एसडीएम दीपक चौहान, एसडीओपी एम.एल. मौरे, जावद तहसीलदार ब्रह्मस्वरुप श्रीवास्तव, जावद थाना प्रभारी कन्हैयालाल दांगी मौजूद रहे।शाँति व्यवस्था बनाए रखने मे जावद थाना प्रभारी कन्हैयालाल दांगी की महत्वपूर्ण भूमिका रही।