दो दिवसीय आलौकिक जीवन कथा का हुआ समापन.....
तलाऊ (दिलीप पाटीदार) - मनुष्य आधुनिकता की चकाचौंध में इस कदर खोया है कि उसे सत्संग के लिये समय नही है। मनुष्य प्रतिदिन आडंबरों के माया जाल में उलझा हुआ है। में, हम, मेरा के भ्रम जाल में अपना अमूल्य समय व्यतीत कर रहा है स्वयं के जीवन का उद्देश्य क्या है परमात्मा में हमारा इस धरती पर अवतरण क्यों किया है इस विषय पर सोचने, समझने की शक्ति भी मनुष्य खो बैठा है। परमात्मा ने हमारा जन्म इस सृष्टि में इसलिये किया है कि हम स्वयं के उत्थान के साथ सभी मनुष्य जगत के बारे में चिंतन करें और अपने जीवन में मानवता इस कदर जगाएं की हर किसी के दुख दर्द हमें अपना लगे और उसके समाधान के लिये खुद के कार्य भी छोड़ कर दूसरों के भलाई का सोचें। आज मनुष्य इतना स्वार्थी हो गया है जो अपने स्वार्थ के वशीभूत होकर परिवार के साथ भी छल कपट पर उतारू हो गया है। उक्त विचार तलाऊ में श्री केशरिया नाथ प्रकटोत्सव निमित आयोजित दो दिवसीय अलौकिक जीवन कथा के द्वितीय दिवस श्री शिवस्वरूप नाथों के नाथ अगोरी नाथ और श्री गुर्जरखेड़ा सरकार ने मुख्य पंडाजी घनश्याम लोहार जावी के मुखारविंद से कहे। श्री गुर्जरखेड़ा सरकार ने सम्बोधित करते हुए कहा कि सच्चे गुरु का संग और सत्संग मनुष्य को सत्मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। प्रतिदिन देवालय पर जाना।परिवार के वरिष्ठजनों के साथ बैठना उनके अनुभवों का अनुसरण कर अपने जीवन को धन्य करने के पथ पर अग्रसर होना चाहिए। सत्संग और कथा में जाकर और कथा के महात्म्य को अपने जीवन में सार्थक करना चाहिए। परमेश्वर ने हमें जो अमूल्य जीवन दिया है उस जीवन मे ऐसे अनुकरणीय कार्य करना कि जीवन का सही मूल्यों में सदुपयोग हो जाएं।जीवन एक अमूल्य धरोहर है इस जीवन को मानवता के हितार्थ समर्पित कर आनन्दमयी जीवन की कला सीखी जा सकती है। आलौकिक जीवन कथा इस बात की और ध्यान केंद्रित करती है कि जीवन का सही आकलन करें। और जीवन को सार्थक बनाएं।कथा के आध्यात्मिक पांडाल में तलाऊ के साथ साथ अंचल की सैंकड़ों की संख्या में माताएं, बहिनें, ग्रामीणजन, युवा बन्धु उपस्थित थे। उक्त जानकारी श्री गुर्जरखेड़ा सरकार मन्दिर सेवा समिति प्रवक्ता दिलीप पाटीदार जावी ने दी।