मनीष धाकड
अठाना कहते है हौसला अगर बुलंद हो तो हर चीज मुमकिन है। राजस्थान के बारां जिले के अंता गांव की बेटी और मप्र के नीमच जिले से 20 km दूर बसे अठाना नगर की बहू अपनी दिल्ली की वीसा काउंसलर की जॉब छोड कर मधुमक्खी पालन कर रही है। जी हां, राजस्थान की बेटी और मप्र की बहू मीनाक्षी के.के. धाकड़ दोनो प्रदेश की पहली मधुमक्खी पालन करने वाली महिला बन कर दोनों राज्यों का गौरव बढ़ा रही है। इनका हौसला वीमेन एंपावरमेंट की एक मिसाल है।
50 बॉक्स से शुरुवात करने वाली मीनाक्षी ने बताया कि एग्रीकल्चर स्किल डेवलोपमेन्ट ऑफ इंडिया के द्वारा मधुमक्खी पालन में 1 माह का प्रशिक्षण प्राप्त कर मधुमक्खी पालन की शुरुवात की है । श्रीमति धाकड़ ने बताया कि शुरुवात में डर लगता था पर अब मधुमक्खियां इनकी दोस्त के जैसे हो गई है । 1 टन शहद से अधिक इस सीजन में निकाल चुकी है । वे मध्यप्रदेश व राजस्थान की प्रथम महिला मधुमक्खी पालक है ।मधुमक्खी पालन के लिए इनके पति के. के. धाकड़ ने इन्हें प्रेरित किया। के.के. धाकड़ खुद भी नीमच जिले में ऑर्गेनिक खेती व ग्रामोद्योग चलाते है।
बॉक्स अभी कोटा से 70 km दूर अंता तहसील में रखे है जिन्हें समय समय पर एक स्थान से दूसरे स्थान पर माइग्रेट करना पड़ता और शहद का लिक्विड जमा होना, मधुमक्खी के द्वारा किस प्रकार का नेक्टर लाया गया है उस पर निर्भर करता है। उन्होंने बताया कि शहद से आने वाले समय मे 5-6 अन्य प्रोडक्ट भी ये तैयार करेगे ।